पुजारी रमेश माथुर की अर्थी को कोविड-19 के खौफ की वजह से उनके समाज के लोगों द्वारा कंधा नहीं दिए जाने की घटना को दुखद और इंसानियत को शर्मसार करने वाला

 ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस के राष्ट्रीय महासचिव मुस्तकीम मंसूरी ने गत दिवस मेरठ में मंदिर के पुजारी रमेश माथुर की कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान हुई मौत के बाद, पुजारी रमेश माथुर की अर्थी को कोविड-19 के खौफ की वजह से उनके समाज के लोगों द्वारा कंधा नहीं दिए जाने की घटना को दुखद और इंसानियत को शर्मसार करने वाला


बताते हुए। कहा की इस तरह की घटनाएं पिछले लॉक डाउन के दौरान भी सामने आई थी। जहां पर हिंदू समाज के लोगों की मौत पर उनके समाज के लोगों ने कोविड-19 के खौफ की वजह से अंतिम संस्कार में शामिल होने से इनकार कर दिया था। परंतु उस समय भी मुस्लिम समाज के लोगों ने उनके अंतिम संस्कार करा कर मोहम्मद साहब के संदेश को फॉलो करते हुए हिंदू समाज के लोगों की जहां अर्थी को कंधा दिया वही उनके अंतिम संस्कार की रस्मों को भी अदा किया। उस वक्त धर्म के ठेकेदार और हिंदू मुस्लिम की बात करने वाले हिंदू मुसलमान के बीच नफरत नफरत फैलाने वाले आर एस एस विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल जैसे सांप्रदायिक संगठनों के लोग जब कहीं नजर नहीं आ रहे थे। उस वक्त मुसलमानों ने आगे बढ़कर हिंदू समाज के लोगों की धार्मिक रस्मों के अनुसार जहां उनकी अर्थीयों को कांधा दिया वहीं अंतिम संस्कार में शामिल होकर सांप्रदायिक सोच के लोगों के मुंह पर तमाचा मारते हुए एक सच्चे मुसलमान होने का सबूत पेश किया।

मुस्तकीम मंसूरी ने कहा सच्चा मुसलमान अल्लाह और उसके महबूब मोहम्मद साहब के बताए हुए रास्ते पर अमल करते हुए बिना किसी भेदभाव के हिंदू , मुस्लिम, सिख, ईसाई, सभी के साथ मोहब्बत से पेश आता है। और मोहम्मद साहब के संदेश को दृष्टिगत रखते हुए मुस्लिम समाज के लोगों ने मेरठ के मंदिर के पुजारी रमेश माथुर जिनकी मौत कोविड-19 से लॉकडाउन के दौरान हुई थी। उनका अंतिम संस्कार हिंदू रीति रिवाज से करके मोहम्मद साहब के संदेश को आगे बढ़ाया है। मुस्तकीम मंसूरी ने धर्म के ठेकेदारों विशेषकर उन लोगों पर प्रहार करते हुए कहा कुछ लोग इस मुल्क की गंगा जमुनी तहजीब को तार-तार करने के उद्देश्य कभी मोहम्मद साहब पर गलत टिप्पणियां करते हैं। कभी ख्वाजा साहब पर गलत टिप्पणियां करते हैं। परंतु आज वह धर्म के ठेकेदार मेरठ में मंदिर के पुजारी रमेश माथुर की अर्थी को कांधा देने तक नहीं पहुंचे। उन्होंने कहा आज आर एस एस, भाजपा, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, सहित वह तमाम हिंदुत्व का झंडा उठाने वाले संप्रदायिक किस्म के लोग हिंदू समाज की नजर में मानवता के दुश्मन साबित हो रहे हैं। मुस्तकीम मंसूरी ने तमाम देशवासियों से अपील करते हुए कहा आज हमारा देश कोविड-19 की महामारी के गंभीर दौर से गुजर रहा है। ऐसे में हर भारतवासी का कर्तव्य है। कि वह बिना किसी भेदभाव के बिना किसी जाति धर्म के मानवता के नाते हर पीड़ित परिवार, हर पीड़ित व्यक्ति, चाहे वह किसी भी धर्म, चाहे वह किसी भी समुदाय, का हो आगे बढ़ कर उनका सहयोग करें इस संकट की घड़ी में समस्त देशवासी जो सरकार से ना उम्मीद हो चुके हैं। और यह महामारी भी सरकार की लापरवाही के कारण देश में अपनी चरम सीमा पर पहुंच चुकी है। आज देश में जो भी संसाधन है। उन्हीं को काफी समझते हुए एक दूसरे का सहयोग करें। और कोविड-19 जैसी महामारी से देशवासियों को बचाने में सहयोग करें। यही देश हित में और जनहित में जरूरी है। मुस्तकीम मंसूरी ने अंत में भारतीय मानवता के संदेश को लेकर संप्रदायिक सोच और नफरत की राजनीति करने वालों के लिए एक शेर के माध्यम से संदेश दिया है।

गुलशन में रहा करता है हर एक परिंदा।

उल्लू से यह कह दो तेरी जागीर नहीं है।

लिखा हो सहने ए हरम तेरे नाम।

तारीख में कोई ऐसी तहरीर नहीं है।

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