बाबरी मस्जिद तोड़ने से शुरु हुआ सिलसिला साहित्यकारों के घर तोड़ने तक आ पहुंचा है।

 बाबरी मस्जिद तोड़ने से शुरु हुआ सिलसिला साहित्यकारों के घर तोड़ने तक आ पहुंचा है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के निशाने पर इलाहाबाद है। उसका नाम और पहचान, इतिहास बोध छीनने से चालू हुआ भगवा बुल्डोजर अब इस शहर से साहित्यकारों को उजाड़ने लगा है।

उर्दू साहित्य में रसूख रखने वाले प्रोफेसर अली अहमद फातमी के जिस घर के नींव की पहली ईंट मशहूर साहित्यकार उपेंद्र नाथ अश्क ने रखी थी उसे योगी के बुल्डोजर ने नेस्तनाबूत कर दिया।

इलाहाबाद विकास प्राधिकरण ने कल सोमवार को इलाहाबाद विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर अली अहमद फातमी का लूकरगंज स्थित मकान जमींदोज कर दिया। उनके घर के करीब ही बना उनकी बेटी नायला फातमी का घर भी ढहा दिया गया। बता दें कि प्रोफेसर फातमी ने वर्ष 1988 में महमूदा बेगम से इस ज़मीन की बाकायदा रजिस्ट्री कराई थी, लेकिन इलाहाबाद विकास प्राधिकरण का आरोप है कि उक्त मकान नजूल लैंड पर बना था, जिसकी समय सीमा वर्ष 1999 में पूरी हो गई लेकिन उसका नवीनीकरण नहीं कराया गया था। लीज खत्म होने के बाद यह अवैध हो गया। वहीं प्रोफेसर फातमी कहते हैं कि वर्ष 1999 में ही पहली किस्त के तौर पर उन्होंने 14 हजार रुपये जमा कराए थे, लेकिन वह कार्रवाई आगे ही नहीं बढ़ी।

शनिवार, छह मार्च की शाम को कोई उनके घर के आहाते में एक नोटिस फेंक गया, उन्होंने नोटिस पढ़ा तो होश फाख्ता हो गए। तुरंत सामान हटाने की तैयारियां होने लगीं। रविवार का पूरा दिन उनके शागिर्द उनकी लाइब्रेरी में रखी तकरीबन साढ़े पांच-छह हजार किताबों और रिश्तेदार सामान बचाने, सहेजने में जुटे रहे। रविवार रात ही प्रो.फातमी ने करेली स्थित रिश्तेदार के घर जाकर पनाह ली।

जसम के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रोफेसर राजेंद्र कुमार ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, सुनकर बहुत धक्का लगा। कानूनी पेंच जो भी हो लेकिन बिना मोहलत दिए आनन-फानन में ऐसे घर गिराना तो अमानवीय है। पहले नोटिस देते, किसी अदीब के लिए किताबें ही पूंजी होती हैं।

जलेस इलाहाबाद सचिव डॉ.बसंत त्रिपाठी कहते हैं, यह बहुत दुखद है। कम से कम जो पढ़ने लिखने वाले लोग हैं, उनके बारे में कोई भी निर्णय लेने से पहले थोड़ी संवेदनशीलता तो बरतनी ही चाहिए। प्रलेस संयोजक मंडल के सदस्य असरार गांधी, संध्या नवोदिता ने कहा, बरसों से रह रहे घर का इस तरह ढहना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।

मध्यप्रदेश में मुसलमानों को बनाया गया निशाना

इससे पहले मध्यप्रदेश के तीन जिलो में अयोध्या राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा उगाहने निकले भगवा गुंडों की उत्पात के बाद मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार के आदेश पर दो दर्जन से अधिक पीड़ित मुसलामानों के मकान दुकान जमींदोज कर दिये गये थे।

मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले के मुस्लिम बाहुल्य वाले बेग़म बाग़ इलाके में 25 दिसंबर को भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ता ने रैली निकालकर सांप्रदायिक नारे लगाये। इस दौरान पत्थरबाजी की घटना हुई। और पत्थर फेंकने के आरोप में प्रशासन ने अब्दुल रफीक का दोमंजिला घर ढहा दिया। अब्दुल के घर में 19 लोग थे। प्रशासन ने उन्हें बिना कोई नोटिस दिये, बिना सफाई का मौका दिये ये कार्रवाई कर डाली।

अपने इस असंवैधानिक और गैरक़ानूनी कृत्य पर शर्मिंदा होने के बजाय जिला कलेक्टर आशीष सिंह पूरी बेशर्मी से जायज बताते हुए कहा था कि “घर गिराना इसलिए ज़रूरी था ताकि अपराधियों को सबक मिल सके।” इतना ही नहीं इस तर्क पर कि पत्थरबाजी मीरा की छत से हुई थी कलेक्टर साहेब कहते हैं– “भले ही मीरा की छत से हिना और यास्मीन पत्थर फेंक रही थीं लेकिन यास्मीन रहती तो रफीक़ के ही घर में रहनी थी।”

इतना ही नहीं कलेक्टर महोदय ने उस घर को अवैध बताते हुए कहा, “पथराव हुआ था, वह अवैध था। 24 दिसंबर को नोटिस दिया गया था। उस पर कार्रवाई होनी थी। घटना के बाद त्वरित कार्रवाई की गई है। पथराव करने वाले पांच लोगों पर रासुका लगाई गई है, जबकि 18 अन्य को गिरफ्तार किया जा चुका है।”

इसके बाद नंबर लगा जिला मंदसौर का। 29 नवंबर मंगलवार को मंदसौर के डोरोना गांव में हिंदू आतंकियों द्वारा एक मस्जिद में तोड़ फोड़ की गई। मस्जिद का इस्लामिक झंडा खाड़कर उस पर भगवा झंडा फहरा दिया गया।  मंगलवार 29 नवंबर को मंदसौर जिले के डोराना गांव में भगवा झंडा उठाये पांगलों की एक झुंड दरवाजा तोड़कर उमर मंसूरी के घर घुसी। घर में तोड़फोड़ की। 25 हजार नगदी और जेवर लूट ली। घर के सारे सामान तोड़ दिये और घर पर भगवा झंडा लहराया। इस इलाके के ऐसे दर्जनों घरों पर हमला और लूटपाट तोड़-फोड़ की गई। आरोप है कि एएसपी अमित वर्मा की मौजूदगी में ये सब किया गया।

मंदसौर के डोराना गांव में धार्मिक स्थल पर झंडा बदलने की घटना हुई। उसी वक्त का एक वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट करने वाले 2 लोगों को हिरासत में लिया गया है। सोशल मीडिया पर डोराना गांव की वीडियो पोस्ट करने वाले एक युवक को अफजलपुर के रिंडा गांव से गिरफ्तार किया है। इस पोस्ट पर लाइक व कमेंट करने वाले तीन अन्य लोगों के खिलाफ धारा 505 (2) 188 के तहत मामला दर्ज किया गया है। वहीं एक नाबालिग को संजीत गांव से हिरासत में लिया गया । उसकी पोस्ट के खिलाफ भी पुलिस ने मामला दर्ज किया है। दोनों की गिरफ्तारी के बाद कलेक्टर मनोज पुष्प ने कहा कि –“दोनों युवकों द्वारा की गई सोशल मीडिया पोस्ट धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली है। इससे सांप्रदायिक दंगे भड़क सकते हैं। इसी को देखते हुए प्रशासन ने जिले में रैली और अन्य तरह के प्रदर्शन के लिए नई गाइडलाइंस लागू कर दी है। इसके बाद भी अगर किसी तरह की आपत्तिजनक पोस्ट सोशल मीडिया पर शेयर की जाती है तो उस स्थिति में सोशल मीडिया हैंडल के एडमिन के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।”

इसी तरह इंदौर के चांदनखेड़ी गांव के सद्दाम पटेल समेत दर्जनों घरों में भगवा गुडों ने घुसकर लूटपाट, तोड़फोड़ की और फिर आग लगा दिया। भगवा गुडों की भीड़ ने सद्दाम पटेल के घर में जब आग लगाया तो उस समय घर में 25 लोग थे। जिसमें 7 औरतें और 8 बच्चे थे।

29 दिसंबर को इंदौर जिले की देपालपुर तहसील के चाँदनखेड़ी गांव में जुलूस निकाला गया। बता दें कि इंदौर से लगभग 58 किमी. दूर स्थित चाँदनखेड़ी मुस्लिम बहुल क्षेत्र हैं।  मंगलवार को राम मंदिर निर्माण हेतु निकली वाहन रैली के दौरान झड़प हुई जिसमें  10 घायल लोग घायल हुए, जबकि 30 लोगों को गिरफ्तार किया गया। और फिर उज्जैन की बेगम बाग की तर्ज़ पर अगले दिन यानि बुधवार 30 दिसंबर को प्रशासन ने चान्दनखेड़ी के 15 मकान अतिक्रमण बता कर गिरा दिया। इसके बाद इंदौर जिले के अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी अजय देव शर्मा ने चांदनखेड़ी, धर्माट, रुद्राख्या, सुनाला, देवराखेड़ी, नगर परिषद गौतमपुरा, नगर परिषद सांवेर में धारा 144 लागू कर दिया। मीडिया तक को इन गांवों में घुसने की मनाही थी।

( साभार:




जनचौक के विशेष संवाददाता सुशील मानव की रिपोर्ट।)

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