हुए शत्रु के मित्र !!
हुए शत्रु के मित्र !!
●●●●●●●●●
दुनिया मतलब की हुई, रहा नहीं संकोच !
हो कैसे बस फायदा, यही लगी है सोच !!
●●●●●●●●●
मतलब हो तो प्यार से, पूछ रहे वो हाल !
लेकिन बातें काम की, झट से जाते टाल !!
●●●●●●●●●
रिश्तों के सच जानकर, सब संशय है शांत !
खुद से खुद की बात से, मिला आज एकांत !
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झूठे रिश्ते वो सभी, है झूठी सौगंध !
तेरे आंसूं देख जो, कर ले आंखें बंद !!
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बस छोटी -सी बात पर,उनका दिखा चरित्र !
रिश्तें -नाते तोड़ कर, हुए शत्रु के मित्र !!
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✍ डॉo सत्यवान सौरभ
[3/4, 09:54] P Dr Satyvan Saurabh: हुए शत्रु के मित्र !!
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दुनिया मतलब की हुई, रहा नहीं संकोच !
हो कैसे बस फायदा, यही लगी है सोच !!
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मतलब हो तो प्यार से, पूछ रहे वो हाल !
लेकिन बातें काम की, झट से जाते टाल !!
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रिश्तों के सच जानकर, सब संशय है शांत !
खुद से खुद की बात से, मिला आज एकांत !
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झूठे रिश्ते वो सभी, है झूठी सौगंध !
तेरे आंसूं देख जो, कर ले आंखें बंद !!
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बस छोटी -सी बात पर,उनका दिखा चरित्र !
रिश्तें -नाते तोड़ कर, हुए शत्रु के मित्र !!
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✍ डॉo सत्यवान सौरभ
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