सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव में नेताजी मुलायम सिंह यादव जैसी सूज भुझ इसलिए नहीं है। क्यों कि सत्ता और सियासत अखिलेश को विरासत में मिली है।
लखनऊ 13 मार्च ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस के राष्ट्रीय महासचिव मुस्तकीम मंसूरी ने 2 दिन पूर्व मुरादाबाद में पत्रकारों के साथ सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव पूर्व मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश की मौजूदगी में उनकी सुरक्षा में लगे बाउंसरों व सपा कार्यकर्ताओं द्वारा पत्रकारों के साथ अभद्र व्यवहार और मारपीट की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव में नेताजी मुलायम सिंह यादव जैसी सूज भुझ इसलिए नहीं है। क्यों कि सत्ता और सियासत अखिलेश को विरासत में मिली है।
यही कारण है पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवालों से बौखला कर अखिलेश यादव आग बबूला हो गए। अखिलेश यादव के तेवर देखकर उनकी सुरक्षा में लगे बाउंसरों के साथ ही सपा कार्यकर्ता पत्रकारों पर हमलावर हो गए। और बेदर्दी से पिटाई करने लगे।
मुस्तकीम मंसूरी ने कहा पत्रकारों के साथ मारपीट की घटना सपा के गिरते हुए जनाधार की बौखलाहट है। क्योंकि मोहम्मद आजम खान को लेकर मुसलमानों में तेजी से अखिलेश यादव के प्रति नाराजगी बढ़ती जा रही है। यादव समाज भी अखिलेश यादव को यादवों का नेता मानने को तैयार नहीं है। उनके चाचा शिवपाल यादव का अलग पार्टी बनाना और यादव समाज का भाजपा के साथ जाना ही अखिलेश यादव की हताशा का कारण है। मुस्तकीम मंसूरी ने कहा मुरादाबाद में पत्रकारों के साथ मारपीट की घटना की एफ आई आर अखिलेश यादव सहित 20 लोगों पर दर्ज की गई है। आईपीसी की धारा -147,342,323 इन धाराओं के हिसाब से घटना को मामूली दिखाया गया है। जबकि वास्तविक यह है। पत्रकारों पर किया गया जानलेवा हमला योजनाबद्ध तरीके से किया गया हमला था।
मुस्तकीम मंसूरी ने कहा सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव को यह अच्छी तरह समझ लेना चाहिए 2022 के चुनाव में यादव उनके साथ इसलिए नहीं आएगा क्यों की वह उनको नेता नहीं मानता और मुसलमान समाजवादी से दूर इसलिए जाएगा क्योंकि आजम खां और उनके परिवार के उत्पीड़न से लेकर जेल तक जाने पर अखिलेश यादव का खामोश रहना और चुनाव नजदीक देखकर रामपुर से साइकिल यात्रा करके आजम खान के परिवार से झूठी हमदर्दी दिखाना सरा- सर मुसलमानों को बेवकूफ बनाना है। अखिलेश सहित सपा कार्यकर्ताओं द्वारा जगाह जगाह पत्रकारों से अभद्र व्यवहार करना व मुरादाबाद में पत्रकारों पर हमला करके उनके साथ मारपीट करना इस बात का संकेत है। कि 2022 में सपा के लिए सत्ता का द्वार बहुत दूर होता जा रहा है।
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