जमीयत ने शिव विहार (दिल्ली) के दंगा प्रभावितों को मकान और दुकानें बना कर दीं।






 जमीयत ने शिव विहार (दिल्ली) के दंगा प्रभावितों को  मकान और  दुकानें बना कर दीं।

मदीना मस्जिद का किया पुन निर्माण। 

'' हमें नफ़रत का जवाब मोहब्बत से देना है'' : मौलाना महमूद मदनी 

नई दिल्ली ( शांति मिशन न्यूज़ /अनवार अहमद नूर ) 

जमीयत उलमा ए हिंद के महासचिव मौलाना महमूद मदनी के कर कमलों द्वारा शिव विहार दिल्ली के दंगा प्रभावितों को 76 मकानों और 16 दुकानों का पुनर्निर्माण करके इनकी चाबियां मालिकों को दी गईं। मौलाना मदनी ने जमीयत बिल्डिंग का शुभारंभ करते हुए अपने संबोधन में कहा कि संकट के समय संयम यानि सब्र इस्लामी शिक्षा का महत्वपूर्ण भाग है। दंगे हमारे सब्र( धैर्य) की परीक्षा थी। उन्होंने कहा कि दंगे के दृष्टिगत पहले से अधिक निर्माण कार्य हुए हैं लेकिन हमारे लिए वास्तविक आत्म निरीक्षण यह है कि हम पहले से अच्छे बनें। उन्होंने कहा कि हमें अपने माल, कार्य, भाषा, समय, हर चीज़ का हिसाब देना होगा, इसलिए हमें फिजूल खर्च से बचना चाहिए। अपना बयान जारी रखते हुए मौलाना मदनी ने कहा कि किसी भी राष्ट्र के लिए नौजवान रीढ़ की हड्डी और वास्तविक संपत्ति होते हैं इनकी शिक्षा दीक्षा और उन्हें चरित्रवान बनाना हमारा मूलभूत कर्तव्य है। उन्होंने जमीयत यूथ क्लब का वर्णन करते हुए कहा कि यह अभियान वास्तव में नौजवानों को योग्य, सफल एवं चरित्रवान बनाने का अभियान है। लोगों को अपने बच्चों को इसका प्रशिक्षण दिलाना चाहिए। मौलाना मदनी ने समाज के प्रबुद्ध नागरिकों का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि सब लोग अपने समाज के 10 - 20 बच्चों को शिक्षित बनाने का प्रण करें और प्रयास करें कि समाज का कोई एक बच्चा भी शिक्षा से वंचित न रह जाए। मौलाना मदनी ने मुसलमानों को अपने मोहल्ले की सफाई पर ध्यान देने की बात कहते हुए कहा कि इसके बिना स्वस्थ समाज का गठन असंभव है। उन्होंने शिव विहार को एक मिसाल वाली बस्ती बनाने का भी इरादा प्रकट किया। इस अवसर पर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए, मौलाना मदनी ने कहा है कि इस्लाम शांति और अमन का धर्म है इसलिए हम नफ़रत का जवाब मोहब्बत और दुश्मनी का जवाब दोस्ती से देंगे। और हमारा यह काम आगे भी जारी रहेगा। इसके बाद मौलाना मदनी ने मदरसा  और मदीना मस्जिद का लोकार्पण किया। जिन्हें दंगाइयों ने तबाह कर दिया था। और फिर जमीयत टायर मार्केट का भी दौरा किया जहां जमीयत की तरफ से 227 दुकानों का निर्माण किया गया है। ज्ञात रहे कि अब तक जमीअत उलमा हिंद ने कुल 176 मकान 274 दुकानें 10 मस्जिदें दो मदरसे एक स्कूल के अलावा 212 मुकदमों में लोगों की जमानत, रोजगार के लिए चालिस लाख रुपए दिए और इन सब कामों में अब तक लगभग 4:30 करोड़ रुपए जमीयत खर्च कर चुकी है। इस अवसर पर मौलाना महमूद मदनी महासचिव जमीअत उलमा ए हिंद के अलावा जो लोग मौजूद रहे उनमें मौलाना हकीमुद्दीन का़समी सचिव जमीयत उलमा ए हिंद, मौलाना इरफान क़ासमी, मौलाना जमाल क़ासमी, मौलाना ज़ियाउल्लाह क़ासमी, मौलाना गय्यूर क़ासमी, मौलाना यासीन जहाजी, अनवार अहमद नूर, अनवर हुसैन, क़ारी हारून. हाजी महबूब ,दाऊद भाई, हाजी हाशिम ,डॉक्टर अकबर, मास्टर नज़र मोहम्मद, हबीब भाई, भाई राशिद , दिलशाद भाई और वकील भाई के नाम भी हैं।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

सपा समर्थित उम्मीदवार श्रीमती उजमा आदिल की हार की समीक्षा

सरधना के मोहल्ला कुम्हारान में खंभे में उतरे करंट से एक 11 वर्षीय बच्चे की मौत,नगर वासियों में आक्रोश

विधायक अताउर्रहमान के भाई नसीम उर्रहमान हज सफर पर रवाना