सभी देशवासियों के लिए समझने योग्य कुछ बिंदु अच्छे दिन किसे कहते हैं जानने की कोशिश करते हैं

 सभी देशवासियों के लिए समझने योग्य कुछ बिंदु अच्छे दिन किसे कहते हैं जानने की कोशिश करते हैं



 2014 से पहले का भाव पेट्रोल ₹68 लीटर डीजल ₹58 लीटर रसोई गैस ₹370 सिलेंडर खाने में इस्तेमाल होने वाला तेल 60 से ₹70 किलो सभी दालें 65 से ₹75 किलो चीनी ₹22 किलो चावल 20 से ₹70 मोटरसाइकिल ₹62000 सोना ₹28000 तोला सीमेंट ₹210 सरिया रु 3600 रेत की ट्रॉली ₹1600 ईट ₹2800 


2014 के बाद बढ़े भाव पेट्रोल ₹ 95 डीजल ₹85 रसोई गैस ₹870 खाने का तेल ₹150 सब दालें ₹150 चीनी ₹38 चावल 30 से ₹80 मोटरसाइकिल ₹95000 सोना ₹50000 तोला सीमेंट ₹350 सरिया ₹5500 रेत की ट्रॉली ₹4500 ईद ₹6000


 2014 से पहले टैक्स था 12% 2014 के बाद 18% टैक्स जीएसटी लगा 5% 12% 18% 28% जो टैक्स से बाहर थी उन पर भी लगा दिया जाति धर्म की द्वेष भावना में उलझ कर हम क्या हासिल कर रहे हैं गुलामी से पहले शूद्रों को धर्म से दूर रखा और आजादी के बाद धर्म से चिपका दिया


 26 जनवरी 1950 से पहले रामायण गीता वेद पुराण महाभारत जैसी पुस्तकें अपर कास्ट ही पढ़ते थे 26 जनवरी 1950 के बाद संविधान लागू होते ही वह सारी पुस्तकें अपर कास्ट ने ओबीसी एससी एसटी को थमा दी और खुद संविधान पढ़ने लगे संविधान कौन पढ़ रहा है समझना बाकी है वकील जज नेता बन गए एससी एसटी ओबीसी भगत बन गए पवित्र ग्रंथ पढ़ने से धर्म का ज्ञान होता है संविधान और शिक्षा ग्रहण करने से आईएएस आईपीएस पीसीएस एमबीबीएस इंजीनियर बनता है जो तरक्की की तरफ परिवार और समाज को ले जाता है शिक्षा का गुणगान धर्म की चासनी अलग-अलग विचारों को उत्पन्न करती है मुस्लिम देशों से ₹27 लीटर पेट्रोल खरीद कर ₹100 लीटर बेचा जा रहा है डंका  कौन बजा रहा है 50 पैसे लीटर पेट्रोल में वृद्धि होने पर गोदी मीडिया सत्ता पर काबिज होने वाले सफेदपोश आसमान सर पर उठा लेते थे 


लाल किला तेल रेल एयरपोर्ट बंदरगाह बीएसएनल आदि तो बेच दिया अब देश के अन्नदाता व खेती पर नजर है बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ नारी शक्ति का सम्मान बंगाल में हवाई चप्पल पहनने वाली ₹400 की साड़ी पहनने वाली ब्राह्मण जाति से विलोम करने वाली ममता बनर्जी को हराने के लिए पूरी बीजेपी और गोदी मीडिया आसमान सर पर उठाए हुए हैं


 संविधान किसे कहते हैं लगभग 80% देशवासियों को पिछले 7 सालों में पता ही नहीं पड़ रहा आरक्षण खत्म 35 श्रम कानून खत्म बताया जा रहा है नियम बदलेंगे 1 अप्रैल से कर्मचारियों की नौकरी होगी 12 घंटे की लाभ के फायदे योजनाएं और घोषणाओं की तरह बताए जाएंगे 


उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव पर ब्रेक आरक्षण प्रक्रिया पर लगाई रोक यूपी के मंत्री बोले 20 मार्च के बाद चुनावों का ऐलान 1995 के बाद पीआईएल चुनाव आधार को गलत बताया गया आरक्षण को पांच कैटेगरी में विभाजित किया जिस नागरिक की वार्षिक आय ₹10000 तक है 20% आरक्षित कोटा 10000 से 30,000 तक वार्षिक आय वाले सरकारी नौकरी में 15% आरक्षण जिनकी वार्षिक आय 3000 से 50000 तक उन्हें सरकारी नौकरी में 10% आरक्षण जिनकी वार्षिक आय 50000 से ₹100000 उन्हें 5% आरक्षण उपरोक्त कैटिगरी के अलावा 50% नौकरियां बची उन्हें भरने के लिए ओपन कंपटीशन होगा जिसमें कोई भी वर्क का कैंडिडेट भाग लेगा प्रश्न यह है संविधान के तहत एससी एसटी ओबीसी वर्गों को सामाजिक आधार पर सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने का प्रावधान है लेकिन मोदी सरकार ने आरक्षण की संवैधानिक व्यवस्था को पलट दिया आर्थिक आधार पर आरक्षण की व्यवस्था लागू करना है जिनकी आबादी देश में 15% से भी कम है वह अपनी 1 लाख की सीमा के अंतर्गत लाने का प्रयास करेंगे इसी वजह से 20% आरक्षण उनके पक्ष में चला जाएगा दूसरे लोग 10000 से 30000 के बीच अपनी वार्षिक तौर पर आय दिखाएंगे और 15% आरक्षण उपरोक्त के अनुसार ले जाएंगे आर्थिक आधार पर जो आरक्षण नीति बनाई जा रही है उसमें 50% आरक्षण कोटे में लगभग 40% सरकारी नौकरियों का आरक्षण केवल स्वर्णो शेष 50%  के पक्ष में चला जाएगा शेष 50% रिक्तियों पर ओपन कंपटीशन होगा उसमें भी स्वर्ण लोग 40% पदों पर अपने संबंध प्रभावों से भागीदारी बन जाएंगे 15% स्वर्ण आबादी 85% सरकारी नौकरियों पर हावी होगी वैसे तो देश में रोजगार नौकरी है ही नहीं हर साल 30 आईएएस बगैर इंटरव्यू टेस्ट के सेलेक्ट किए जाएंगे समझना होगा यह कौन लोग होंगे देश को गरीबी और गुलामी की तरफ धकेला जा रहा है देश के 95% लोगों को गरीबी रेखा से नीचे लाने की या गुलाम बनाने की साजिश नजर आती है संविधान सुप्रीम कोर्ट चुनाव आयोग हायर ज्यूडिशरी कहां है किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा मोदी मीडिया देश को भ्रमित कर रहा है अगर इस पर जागरूकता नहीं दिखाई तो शायद देश 100 साल पीछे खड़ा दिखाई देगा समस्याएं बढ़ी हैं छोटी समस्याओं को नजरअंदाज किया जा सकता है ईवीएम और चौथा खंभा पर सवाल लगातार उठाए जा रहे हैं शांतिपूर्ण ढंग से संवैधानिक तरीके से लगातार आंदोलन होते आ रहे हैं लेकिन भ्रम फैलाकर जाति धर्म से जोड़कर हर आंदोलन को समाप्त किया गया या समाप्त करने की कोशिश की गई दिलचस्प बात यह है पिछली छोटी या बड़ी बातों को भूल कर इंसान नई सुर्ख़ियों को गले लगा कर जाति धर्म की चासनी में लिपट कर खुद को बर्बाद कर दूसरों को बर्बाद कर रहा है जिसका मुख्य उद्देश्य स्वार्थी लालच बड़ा या छोटा होता है जो बर्बादी के सिवा कुछ नहीं शिक्षित बन्ना सबसे बड़ी उपलब्धि होती है जागरूकता के शिखर को लेकर चलना सबसे बड़ा पुण्य है जो सहनशीलता इंसानियत मान मर्यादा भारतीय संस्कृति संविधान एकता भाईचारा हम सभी को इन्हें मोती की माला जैसी बनाकर अपने गले में धारण करना पड़ेगा अपने पूर्वजों की कहानियां धरोहरों तथा उनकी उपलब्धियों का अनुसरण करना होगा


 जय जवान जय किसान हम सबका भारत देश महान मजबूत संविधान तिरंगा देश की शान सभी भारतवासी कर लो ध्यान 


भारतीय किसान यूनियन बलराज उत्तर प्रदेश

 अध्यक्ष चौधरी शौकत अली चेची

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