शोरम पंचायत में किसानों के साथ मारपीट अराजकता - मुस्तकीम मंसूरी





 लखनऊ 22 फरवरी ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस के राष्ट्रीय महासचिव मुस्तकीम मंसूरी ने मुजफ्फरनगर में शोरम की इतिहासिक चौपाल में भाजपा सरकार के मंत्री संजीव बालियान की मौजूदगी में भाजपा और आर एस एस के गुंडों द्वारा किसानों से मारपीट किए जाने की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा की भाजपा सरकार के केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान और भूपेंद्र चौधरी खाप चौधरियों को बजट की खूबियों को गिनाने के लिए पहुंचे थे। परंतु खाप चौधरियों ने केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान और भूपेंद्र चौधरी की बात सुनने से इनकार करते हुए कहा कि अगर उन्हें किसानों से बात करना है। तो पहले वह सरकार से इस्तीफा दे, फिर किसानों के आंदोलन में किसानों के साथ धरने पर बैठकर भाजपा सरकार का विरोध करें। इससे बौखलाए केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान और भूपेंद्र सिंह के साथ आए भाजपा और आरएसएस के गुंडों ने किसानों के साथ मारपीट शुरू कर दी। जिसमें कई किसानों को गंभीर चोटें भी आई। जो बेहद शर्मनाक और निंदनीय है।

मुस्तकीम मंसूरी ने कहा किसानों के साथ की गई मारपीट जितनी दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है। उससे कहीं अधिक पुलिस का मूकदर्शक बनकर खड़े रहना और संजीव बालियान के साथ आए गुंडों द्वारा शोरम की ऐतिहासिक चौपाल में किसानों के साथ पुलिस की मौजूदगी में मारपीट करना इस बात का इशारा है। की उत्तर प्रदेश की पुलिस सरकार के इशारे पर भाजपा कार्यकर्ताओं की तरह काम कर रही है। और उसके संरक्षण में भाजपा और आरएसएस के गुंडे खुलेआम तांडव मचा रहे हैं। उन्होंने कहा किसान आंदोलन किसी धर्म, किसी वर्ग, किसी जात, किसी समुदाय, से संबंधित नहीं है। बल्कि किसानों का आंदोलन देश की आम जनता के हितों की रक्षा का आंदोलन है।

मुस्तकीम मंसूरी ने कहा भाजपा सरकार को अब अच्छी तरह समझ लेना चाहिए। यह आंदोलन खत्म नहीं होगा बिल भी वापस होंगे। और सरकार को भी वापस जाना होगा। उन्होंने कहा जिस तरह अंग्रेजों के शासन में 113 साल पहले सन उन्नीस सौ आठ और सन 1942 में इसी तरह के किसान विरोधी कृषि कानून पास किए गए थे। उस वक्त की सरकारें जब किसान विरोधी कानून लागू नहीं कर पाई। और उन्हें देश छोड़कर जाना पड़ा। तो भाजपा सरकार को भी यह समझ लेना चाहिए उसे भी कानून वापसी के साथ-साथ सरकार को भी वापस जाना होगा। मुस्तकीम मंसूरी ने एनडीए के घटक दलों और तमाम विपक्षी पार्टियों के नेताओं विशेषकर उत्तर प्रदेश की सपा बसपा सरकार के सुप्रीमो से शोरम घटना की निंदा करने के बजाए घटित घटना पर संज्ञान लेने और आंदोलनकारी किसानों के साथ मजबूती से खड़े होकर भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने का आवाहन करते करते हुए राजनीतिक स्वार्थ से ऊपर उठकर जनहित और देश हित में लोकतंत्र को बचाने की अपील भी की है।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

सपा समर्थित उम्मीदवार श्रीमती उजमा आदिल की हार की समीक्षा

सरधना के मोहल्ला कुम्हारान में खंभे में उतरे करंट से एक 11 वर्षीय बच्चे की मौत,नगर वासियों में आक्रोश

विधायक अताउर्रहमान के भाई नसीम उर्रहमान हज सफर पर रवाना