*- पिछले दिनों हाईकोर्ट से राशन की डोरस्टेप डिलीवरी की इजाजत मिलने के बाद केजरीवाल सरकार ने योजना लागू करने के लिए एलजी से मांगी थी इजाजत - सौरभ भारद्वाज*

नई दिल्ली, 09 अक्टूबर, 2021केंद्र सरकार की तरफ से केजरीवाल सरकार के बहुप्रतिक्षित राशन की डोरस्टेप डिलीवरी योजना पर एक बार फिर रोक लगाने पर आम आदमी पार्टी ने केंद्र और भाजपा को आड़े हाथ लिया। आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता एवं विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा और राशन माफियाओं के बीच साठगांठ के कारण केंद्र सरकार ने राशन की डोरस्टेप डिलीवरी पर रोक लगाई है। राशन डीलरों ने एलजी को पत्र लिखकर डोरस्टेप डिलीवरी योजना को नामंजूर करने की अपील की थी, जिसकी कांपी केंद्र सरकार को भी भेजी गई थी। डीलरों की कांपी को ही आधार मानकर केंद्र सरकार ने योजना पर रोक लगा दी। यह कृत बड़ी सांठगांठ की ओर इशारा करता है। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि केंद्र सरकार ने जिस एनएफएसए एक्ट को आधार बनाया है, उसे दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था और यह हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना का मामला भी बनता है। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों हाईकोर्ट से राशन की डोरस्टेप डिलीवरी की इजाजत मिलने के बाद केजरीवाल सरकार ने योजना लागू करने के लिए एलजी से इजाजत मांगी थी।

आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि केंद्र सरकार ने राशन की डोर स्टेप डिलीवरी योजना को लागू करने पर रोक लगाकर भाजपा और राशन माफिया के बीच में जो नेटवर्क है, उस नेटवर्क को भी एक तरह से हरी झंडी दी है। केंद्र सरकार और भाजपा नहीं चाहती है कि दिल्ली से राशन माफिया का नेटवर्क खत्म हो। जिस नेशनल फूड सिक्युरिटी एक्ट (एनएफएसए) को लेकर दिल्ली के राशन डीलरों का एसोसिएशन ने कोर्ट में दलील दी थी कि एनएफएसए के तहत राशन की डोरस्टेप डिलीवरी संभव नहीं है, तब कोर्ट ने उस दलील को खारिज कर दिया था और कोर्ट का कहना था कि एनएफएसए ऐसी कोई बांधा खड़ी नहीं करता है कि डोरस्टेप डिलीवरी नहीं होनी चाहिए। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अब जब केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार को योजना को लागू करने से दोबारा मना किया है, तो केंद्र ने उसी एनएफएसए एक्ट की आड़ ली है कि एनएफएसए एक्ट में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि राशन की डोर स्टेप डिलीवरी की इजाजत दी जाए। अब सवाल यह है कि कोर्ट ने तो एनएफएसए के प्रावधान को खारिज किया है और कहा है कि योजना को लागू करने में कोई दिक्कत नहीं है। वहीं, केंद्र सरकार उसी एनएफएसए एक्ट आड़ लेकर दिल्ली सरकार को योजना को लागू करने से रोक रही है। एक तरह से केंद्र सरकार की ओर से कोर्ट के आदेश की अवमानना भी किया जा रहा है। केंद्रीय खाद्य, उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की तरफ से दिल्ली सरकार के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग को भेजे पत्र में कहा गया है कि दिल्ली सरकार को टीपीडीएस के तहत पात्र एनएफएसए लाभार्थियों को खाद्यान्न वितरित करते समय एनएफएसए एक्ट 2013 के मानदंडों और प्रावधानों का सही तरीके से पालन करना चाहिए। यह भी कहा गया है कि यदि राज्य सरकार द्वारा एनएफएसए खाद्यान्न के तत्वों को मिलाए बिना अलग से योजना बनाई जाती है, तो इस विभाग को कोई आपत्ति नहीं होगी। इसलिए यह सूचित किया गया है कि एनएफएसए एक्ट 2013 के सभी सांविधिक प्रावधान अनिवार्य हैं और एनएफएसए के अंतर्गत निर्धारित तरीके से टीपीडीएस का संचालन किया जाएगा, ताकि पारदर्शिता सुनिश्चित किया जा सके। होम डिलीवरी के लिए दिल्ली सरकार के साथ विचाराधीन प्रस्ताव एनएफएसए के मानदंडों को पूरा नहीं करता है और इसलिए भारत सरकार  इसकी अनुमति नहीं देता है, जबकि हाईकोर्ट ने इन दलीलों को मानने से इंकार कर दिया था।

*मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एलजी को फिर से भेजी थी फाइल*

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में राशन की डोरस्टेप डिलीवरी योजना को लागू करने के लिए एक बार फिर इसकी फाइल उपराज्यपाल को भेजी थी। पिछले सप्ताह दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और उपराज्यपाल को बड़ा झटका देते हुए दिल्ली सरकार को दिल्ली में राशन की डोरस्टेप डिलीवरी योजना को सशर्त लागू करने की अनुमति दी थी, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने इसका प्रस्ताव एलजी के पास भेजा था। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एलजी से अनुरोध किया था कि हाईकोर्ट ने योजना को लागू करने की अनुमति दे दी है, अब माननीय उप राज्यपाल महोदय भी दिल्ली कैबिनेट के पूर्व के निर्णय को लागू करने की मंजूरी दे दें, जिससे दिल्ली की जनता को राशन की डोरस्टेप डिलीवरी हो सके। 

गत 27 सितंबर को एक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 22 मार्च 2021 को दिए अपने आदेश को संशोधित किया है। हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को राशन की डोरस्टेप डिलीवरी योजना को लागू करने और डोरस्टेप डिलीवरी का विकल्प चुनने वाले लाभार्थियों के अनुपात में एफपीएस को दी जा रही आपूर्ति में कटौती करने की अनुमति दी है। कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि डोरस्टेप डिलीवरी मॉडल लाभार्थियों के लिए वैकल्पिक था और वे एफपीएस के जरिए राशन वितरण प्रणाली में वापस जाने का विकल्प चुन सकते हैं।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि अब दिल्ली हाईकोर्ट ने राशन की डोरस्टेप डिलीवरी योजना को लागू करने का रास्ता साफ कर दिया है। दिल्ली सरकार योजना के प्रचार-प्रसार को लेकर हाईकोर्ट के दिए निर्देशों का पूरी ईमानदारी से पालन करेगी। मुझे पूरी उम्मीद है कि आप (उपराज्यपाल) अपने पहले के निर्णय की समीक्षा करेंगे, ताकि हाईकोर्ट के आदेशों को लागू किया जा सके और दिल्ली के लोगों को राशन की डोर स्टेप डिलीवरी हो सके। 

उल्लेखनीय है कि दिल्ली में राशन की डोर स्टेप डिलीवरी योजना लागू करने को लेकर केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल में काफी समय से विवाद चल रहा है। केजरीवाल सरकार राशन की डोरस्टेप डिलीवरी योजना को लागू करने पर अड़ी है, जबकि एलजी और केंद्र सरकार इसका विरोध कर रहे हैं। दिल्ली सरकार इस बहुप्रतीक्षित योजना को शुरू ही करने वाली थी कि केंद्र सरकार ने एलजी के माध्यम से इसे शुरू होने से एक सप्ताह पहले ही रोक लगवा दी। 27 सितंबर को हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को इस योजना को सशर्त लागू करने की अनुमति दी। 

*अधिकांश लाभार्थियों की तरफ से डोरस्टेप डिलीवरी का विकल्प चुनने के बाद कोर्ट ने दी थी अनुमति*

गत 27 सितंबर को हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई हुई थी, जिसमें दिल्ली सरकार के वकील ने मजबूती से सरकार का पक्ष रखा। परिणाम स्वरूप कोर्ट ने वकील की दलील पर गौर किया कि अधिकांश लाभार्थियों ने अपने घर पर राशन की आपूर्ति का विकल्प चुना है और दिल्ली सरकार लाभार्थियों को एक विकल्प भी देगी कि वे अगर चाहते हैं, तो इस योजना से बाहर भी निकल सकते हैं। दिल्ली सरकार के वकील ने कोर्ट को बताया कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली योजना के तहत जो लाभार्थी अपने घर पर राशन की डिलीवरी का विकल्प चुनेंगे, उनके पास इस योजना से बाहर निकलने और किसी भी समय अपने राशन को प्राप्त करने के लिए उचित मूल्य की दुकानों पर वापस जाने का विकल्प होगा। साथ ही, दिल्ली सरकार राशन की डोरस्टेप डिलीवरी योजना का प्रचार प्रसार भी करती।

*गेम चेजिंग योजना साबित होती राशन की डोरस्टेप डिलीवरी योजना*

दिल्ली सरकार द्वारा तैयार की गई राशन की डोरस्टेप डिलीवरी योजना एक गेम-चेंजिंग योजना साबित होती। इस योजना की मदद से राशन माफिया सिंडिकेट द्वारा राशन की चोरी और गरीबों के उत्पीड़न को रोकने में मदद की मिलती। हालांकि, इस योजना को शुरू होने से एक सप्ताह पहले केंद्र सरकार ने एलजी के माध्यम से खारिज करा दिया था, जबकि केंद्र ने कभी भी कोर्ट में इस योजना का विरोध नहीं किया था।

*राशन की डोर स्टेप डिलीवरी योजना से लाभार्थियों को कई फायदे होते*

दिल्ली सरकार की बहुप्रतिक्षित राशन की डोर स्टेप डिलीवरी योजना से राशन कार्ड धारक को कई फायदे होते। यह योजना लागू होने के बाद कार्ड धारक को राशन दुकानों के खुलने का इंतजार नहीं करना होता। लंबी कतार में नहीं लगना होता। डोर स्पेट डिलीवरी में राशन बंद पैकेट में घर पहुंचे, इससे गुणवत्ता में कमी या मिलावटी की संभावना नहीं होती। कम राशन मिलने की संभावना नहीं होती। राशन लेने के लिए किसी को सुविधा शुल्क देने की आवश्यकता नहीं होती। गेहूं की जगह आटा मिलेगा, इससे गेहूं से आटा बनाने में आने वाली समस्या खत्म हो जाती।

*अंगुठे के निशान का मिलान कर होती राशन की डिलीवरी*

डोर स्टेप डिलीवरी के तहत घर राशन पहुंचाने वाली कंपनी के पास राशन कार्ड घारक के अंगुठे का निशाना मौजूद होगा। राशन घर लेकर गई कंपनी कार्ड घारक के अंगुठे का निशान मशीन से मिलान करती। अंगुठे के निशान का मिलान होते ही राशन का पैकेट डिलीवर कर दिया जाता। इससे किसी तरह के फर्जीवाड़े या घपले से संभावना खत्म हो जाती।

*गरीबों के घर इज्जत के साथ राशन पहुंचाया जाता*

दिल्ली सरकार का डोर स्टेप डिलीवरी के जरिए घर-घर राशन पहुंचाने का यह बहुत ही क्रांतिकारी कदम है। योजना के तहत लोगों को राशन की दुकानों पर नहीं आना पड़ेगा, बल्कि अब राशन गरीब लोगों के घर इज्जत से पहुंचाया जाएगा। इस योजना के तहत एफसीआई के गोदाम से गेंहूं उठाया जाएगा, उसे चक्की पर ले जाकर आटा बनाया जाएगा। आटा, चीनी और चावल को बोरी के पैकेट में पैकिंग की जाएगी और अच्छे से, साफ-सुथरा राशन का पैकेट हर घर के अंदर लाभार्थी को पहुंचाए जाने की योजना थी।

*राशन की डोरस्टेप डिलीवरी’ योजना के प्रमुख बिंदु*

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार राशन कार्ड धारकों को हर महीने मिलने वाले राशन को पूरी पारदर्शिता के साथ घर-घर पहुंचाने के लिए दृढ़ संकल्पित है। इसी के मद्देनजर सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृव में दिल्ली सरकार ने 2018 में राशन की डोरस्टेप डिलीवरी योजना को अधिसूचित किया। इस योजना के तहत प्रत्येक राशन कार्ड धारकों के घर-घर पैकेज्ड खाद्यान्न वितरित करने का प्रावधान किया गया है। 21 जुलाई 2020 को दिल्ली कैबिनेट में इसका प्रस्ताव रखा गया और कैबिनेट ने उस प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान करते हुए इस योजना का नाम ‘मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना’ दिया था। 20 फरवरी, 2021 को दिल्ली सरकार ने ‘मुख्यमंत्री घर-घर राशन’ योजना के कार्यान्वयन को अधिसूचित किया था। * पहले भी अडंगा लगा चुका है केंद्र*

दिल्ली सरकार ने 25 मार्च 2021 से ‘मुख्यमंत्री घर-घर राशन’ योजना को शुरू करने की पूरी तैयारी कर ली थी, लेकिन इससे पहले 19 मार्च 2021 को केंद्र सरकार ने 25 मार्च को शुरू होने वाली दिल्ली सरकार की ‘मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना’ के कार्यान्वयन पर आपत्ति जताई। केंद्र सरकार ने आपत्ति जताई कि यह राशन केंद्र से दिया जा रहा है। इसलिए इसका नाम ‘मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना’ नहीं हो सकता है। 

केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अनुसार, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत वितरण के लिए केंद्रीय विभाग द्वारा आवंटित किए जा रहे खाद्यान्न का उपयोग एनएफएसए के अलावा किसी अन्य नाम से राज्य-विशिष्ट या अन्य योजना चलाने के लिए नहीं किया जा सकता, इसकी अधिनियम के तहत अनुमति नहीं है। केंद्र सरकार के पत्र में कहा गया है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार द्वारा एनएफएसए खाद्यान्न के वितरण के लिए नए नामकरण या योजना के नाम का उपयोग करने की अनुमति नहीं है। यदि एक अलग योजना बनाई जाती है तो विभाग को कोई आपत्ति नहीं होगी। 

केंद्र सरकार की आपत्तियों को दिल्ली सरकार ने गंभीरता से लिया और 24 मार्च 2021 दिल्ली कैबिनेट ने योजना से ‘मुख्यमंत्री’ का नाम वापस ले लिया और दिल्ली सरकार ने राशन की डोर स्टेप डिलीवरी योजना को मौजूदा एनएफएसए अधिनियम के तहत लागू करने का निर्णय लिया। साथ ही, 20 फरवरी 2021 को की गई अधिसूचना को भी वापस ले लिया गया। 

इसके बाद, दिल्ली सरकार ने 24 मई 2021 को राशन की डोरस्टेप डिलीवरी योजना को अनुमोदित करने के लिए इसकी फाइल एलजी को भेज दी। इसमें दिल्ली सरकार ने 24 मार्च 2021 को दिल्ली कैबिनेट के फैसले की पूरी जानकारी भी संलग्न की है। साथ ही, यह भी जानकारी दी गई है कि राशन कार्ड उपयोगकर्ताओं के बायोमेट्रिक और आधार सत्यापन के साथ राशन की डोरस्टेप डिलीवरी शुरू की जाएगी। जिससे केंद्र सरकार द्वारा एक विजन के रूप में ‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड’ को लागू करने के मानदंडों को पूरा किया जाएगा। इससे दिल्ली या पूरे भारत में कोई भी राशन कार्ड धारक दिल्ली में किसी भी राशन की दुकान पर राशन का लाभ उठा सकता। इसके बाद भी केंद्र सरकार ने इस योजना पर रोक लगा दी।

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